मैं अक्सर ये सोचता हूं मेरे देश के भारत और इंडिया दो हैं नाम
लेकिन मैं इंडिया में रहता हूं क्योंकि भारत में रहने वालों का बुरा हाल है
वो दिनों दिन हो रहा कंगाल है, भारत में तो नक्सल का मायाजाल है
राजधानी दिल्ली में मैं रहता हूं इसलिए अपने को इंडियावासी कहता हूं
देश के राज्यों को सिलसिलेवार ढंग से मैने छांटा है और फिर इनको भारत या इंडिया में बांटा है
देश के राज्यों में या तो खुशहाली है या हरियाली नहीं तो बदहाली है
किसी राज्य का हम नहीं लेंगे नाम, नहीं करेंगे किसी को बदनाम
खुशहाल राज्यों की खुशहाली का फायदा हमारे नेता, उन राज्यों की अमीर जनता ही उठाती है, जो हर दिन और अमीर या खुशहाल होती जाती हैं...
हरियाली राज्यों का फायदा नक्सली उठाते हैं जो हमले करने के बाद कहीं भी छिप जाते हैं, हमारे सुरक्षाबलों को शहीद कर अपनी भूख मिटाते हैं..
बदहाल राज्यों में लोग रोते कैसे होंगे वो खाली पेट सोते कैसे होंगे, ये बड़ा सवाल है, सूखे से, रोगों से, भूख से लड़ते उनकी टूट गई है कमर...
सरकार की दी गई मदद नहीं पहुंच पाती, जनता एक वक्त के खाने को है तरस जाती..
ये बदहाली अगर हरियाली की तरफ बढ़ी तो नक्सलियों को बढ़ावा मिलेगा और ये हरियाली अगर खुशहाली की तरफ बढ़ी तो हमें भी चढ़ावा मिलेगा....
No comments:
Post a Comment