Sunday, July 11, 2010

अगर पाक ना बना होता....

जब मैं अपने गृह नगर अमृतसर के बार्डर से सरहद पार देखता हूं तो मैं अक्सर सोचता हूं कि आखिर क्या फर्क है हिंदोस्तान और पाकिस्तान में ,मैं हर बार एक ही नतीजे पर पहुंचता हूं कि अगर पाकिस्तान ना बना होता, तो शायद सरहद पार का वो पाक कहलाने वाला हिस्सा भी और खुशनसीब होता, भारतीयों के लिए भी ये एक फायदे का सौदा होता। भारत चीन को बराबरी की टक्कर दे रहा होता, भारत को अकरम सरीखे तेज़ गेंदबाजों का बड़ा यूनिट मिल गया होता , क्रिकेट का विश्व कप हमने दो बार जीत लिया होता, शायद लाहौर की गलियों में हर दूसरे दिन बम ना फट रहा होता शायद ही मुहाजीर नाम किसी को मिला होता, भारत ने सिर्फ एक ही युद्ध चीन के खिलाफ लड़ा होता, मेरा भारत भी और बड़ा होता, बड़ा सवाल ये कि लादेन का क्या होता, अगर पाक हमारा हिस्सा होता तो अफगानिस्तान हमारा पड़ोसी होता, तब लादेन का क्या होता वो तो भारत में ही छिपा होता, अमेरिका और रूस को भी एक नुकसान होता, वो अपने हथियारों की खेप को कहां बेच पाते, कहां से अरबों रुपये कमाते, दोस्तों अगर भारत पाक दो मुल्क ना बन पाते तो मेरे दादा भी लाहौर से ना आते तो हम भी इस मुद्दे पर ना लिख पाते, वैसे एक मशहूर शायर ने लिखा है, ( जिने नहीं वेखिया लाहौर ओहदे जमन दा कि फैदा) जिसने लाहौर नहीं देखा उसका मानव जन्म लेना बेकार है , ये बंदा भी अपना पुश्तैनी घर देखने को बेकरार है, पड़ोसी मुल्क के हालात सही होने का इंतज़ार है, सही होने का इंतज़ार है....

1 comment:

  1. ब्लॉगिग की दुनिया में आपका स्वागत है। उम्मीद है सफ़र जारी रहेगा।

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