Tuesday, September 7, 2010

एक था सतीश...एक है कॉमनवेल्थ का शेरा


शेरा कॉमनवेल्थ खेलों का शुभंकर...इसे हम लोग रोज़ टीवी पर, बैनरों पर अक्सर देख ही लेते हैं...लेकिन इस मास्क के पीछे के चेहरे को मैंने देखा है...बड़े करीब से...शेरा बने सतीश की कहानी बड़ी दिलचस्प है...चंडीगढ़ से काम की तलाश में दिल्ली के चक्कर लगाना...और फिर अचानक शेरा बनने के बाद जिंदगी ने कैसी करवट ली...ये तो चैनल, अखबार सभी ने छापा...कुछ ऐसी चीज़े भी है...जो सतीश कभी किसी को नहीं बताता..मुझे याद है जब दो महीने पहले मैं कॉमनवेल्थ हेडक्वार्टर में शेरा पर स्टोरी करना गया तो सतीश से मेरी पहली मुलाकात हुई...लेकिन खेलों का शुभंकर वहा हाउसकीपिंग का काम भी करता है..देख मुझे हैरानी हुई..सतीश ने बताया कि वो यही काम करने आया था...लेकिन आयोजकों ने, शेरा की जो ड्रेस बन कर आयी थी..उसे पहनने को कहा..मैं पहन कर आया..सर को वो भा गया...बस ऐसे बन गया खेलों का शुभंकर शेरा...सतीश ने मुझे कई निजी बातें भी बताई...चाहता तो अपनी स्टोरी में और मसाला डालने के लिए चला सकता था...लेकिन मेरे दिल ने साथ नहीं दिया...क्योंकि मुझे पता था कि मसाले के बिना भी मेरी स्टोरी हिट होगी,...हुआ भी कुछ ऐसे ही..सतीश अक्सर मुझसे फोन पर कई चटपटी बातें करता है...एक दिन उसके मुंह से निकल गया कि वो आजतक चैनल (जहां मैं रोज़ी-रोटी कमा रहा हूं...) में सबको जानता है,,,मैंने कहा कैसे...शेरा का कहना था कि वहा उसका दोस्त हाउसकीपिंग करता रहा है...मैंने पूछा सतीश अगर तुम भी करते रहे हो..तो क्या हुआ...कोई काम छोटा नहीं है...आज तुम कितना बड़ा काम कर रहे हो शेरा बनकर...सतीश ने खामोश रहकर भी मेरे सवाल का जवाब दे दिया...लेकिन आपने कभी सोचा है जो शेरा खेलों को प्रमोट करने में रात-दिन एक कर रहा है...उसे आजकल एक डर भी सताता है...खेलों के बाद कही गुमनामी में खो जाने का डर...अक्सर 10 किलो की ड्रेस में हमेशा हंसना आसान नहीं...मास्क पहन कर वो अगर रोता भी है...तो भी हम और आप उसे देख नहीं सकते...मैंने देखा है करीब से...भारत में 'save the tigers' नाम की एक मुहिम चल रही है..मैंने और मेरे एक काबिल दोस्त ने भी शेरा के लिए कुछ करने की सोची है...तांकि वो खेलों के बाद कही फिर से गुमनामी के अंधेरे में ना खो जाए...

1 comment:

  1. very good,achcha likha hai,isme 2ne negative feedback dene ka koi mauka hi nahi diya, toh mein bura kaise likhoon,just remember,himmat karne walon ki kabhi har nahi hoti.

    neha 19th wali

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